चोर

चोर

कुत्ते की सेहत में साहब को कुछ ढीलापन का एहसास हुआ तो मन में पंद्रह वर्षीय नौकर कृष्णा के प्रति संदेह का बीज अंकुरित हो उठा। तत्काल ही कृष्णा को पास बुलाकर उसने डाँटते हुए पूछा–‘क्यों रे कृष्णा, कुछ दिनों से टॉमी कमजोर दिखने लगा है…क्या कारण है?’

स…साब मैं…मैं तो टॉमी की देखभाल खूब मन लगाकर किया करता हूँ…समय पर खाना खिलाता हूँ…नहलाता हूँ, और टहलाने भी ले जाता हूँ…।

साहब ने प्यार और स्नेहभरी नजरों से टॉमी को देखा। फिर किंचित क्रोध से कृष्णा की तरफ देखते हुए कहा, ‘अबे, मुझे तो लगता है कि टॉमी के हिस्से का बिस्किट तू खूद…।’

चोरी पकड़े जाने के भय से कृष्णा काँप उठा। फिर भी हिम्मत बटोरकर चोरी छिपाने की नाकाम कोशिश करने लगा।

‘नहीं…नहीं साहब, कसम खाता हूँ…ऐसी बात नहीं है…’

‘तो फिर कैसी बात है…? सच बता नहीं तो…।’ साहब की डरावनी आँखें, कृष्णा को सच उगलने पर मजबूर कर दिया। वह गर्दन झुकाकर बुदबुदाया–‘स…साहब जी बात यह है कि टॉमी को एक सप्ताह से दूध नहीं मिला है…।’

‘क्यों…?’

उसने क्रोध मिश्रित आश्चर्य से पूछा। कृष्णा डर से काँपने लगा। बोला–‘साहब बात यह है कि…कि मेरी माँ एक सप्ताह से सख्त बीमार हो गई है…डॉक्टर दूध देने को बोला था…।’

‘अच्छा तो अब समझा…तू टॉमी के हिस्से का दूध चुराकर अपनी माँ को पिला आता है…।’

‘जी…जी साहब..’ इसके आगे वह कुछ भी नहीं बोल पाया।


Image :Dog from Ornans
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Artist :Gustave Courbet
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रामयतन यादव द्वारा भी