खरीदा हुआ गम
- 1 December, 2015
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- 1 December, 2015
खरीदा हुआ गम
महानगर का एक भव्य जेन्ट्स पार्लर।
‘कहिए साहब क्या सेवा करूँ…?’ कस्टमर के कुर्सी पर बैठते ही मेकअप मैन ने पूछा।
‘वो बात यह है कि…’ कस्टमर ने धीमी आवाज में कहा, ‘मेरी कंपनी का हेड बॉस आज मर गया है…अभी उसी की शोक सभा में जाना है।’
‘अच्छा तो गम का मेकअप चढ़वाना है।’
‘हाँ, तुमने ठीक समझा…कुछ ऐसा मेकअप चढ़ाओ कि मैं ओरिजिनल दुःखी दिखाई दूँ…मतलब उसके रिश्तेदारों पर मेरे गम का गहरा असर होना चाहिए…।’
‘आप निश्चित रहें हुजूर ऐसा गमगीन मेकअप करूँगा कि कोई अपने बाप की मौत पर भी उतना गमगीन नहीं दिखता होगा जितना आप अपने बॉस की मौत पर दिखाई देंगे।’
‘शाबास!’ फिर उसने मन ही मन सोचा, अगर ऐसा हुआ तो समझो उस कंपनी में मेरा प्रमोशन पक्का।’
कुछ देर बाद उसने पार्लर के आदमकद आईने में खुद को देखा और मुस्कुराया तो उसे आश्चर्य हुआ। उसका मुस्कुराना भी रोने जैसा लग रहा था।
वह खुशी-खुशी खरीदा हुआ गम साथ लेकर शोक सभा में शामिल होने हेतु तेज-तेज कदमों से चल पड़ा।
Image :Actor s Mask
Image Source : WikiArt
Artist :Paul Klee
Image in Public Domain