बहुत दिन हो गए
- 1 December, 2015
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https://nayidhara.in/kavya-dhara/hindi-gazal-about-bahut-din-ho-gae-by-vindhyavasinidutt-tripathi-2/
- 1 December, 2015
बहुत दिन हो गए
आपको आए बहुत दिन हो गए
साथ मिल गाए बहुत दिन हो गए
खेत की परतें डहकती रह गईं
मेघ को छाए बहुत दिन हो गए
डाकिया तो रोज ही आता रहा
खत मगर पाए बहुत दिन हो गए
यह समंदर की भला क्या बेरूखी
उसको लहराए बहुत दिन हो गए
अब सवालों का नहीं मिलता जवाब
मन को मुसकाए बहुत दिन हो गए
हम वहीं हैं, आप भी तो हैं वहीं
मन से बतियाए बहुत दिन हो गए
चाँदनी दुबकी कहीं सोई पड़ी
उसको इठलाए बहुत दिन हो गए।
Image : James Peale (also known as The Lamplight Portrait)
Image Source : WikiArt
Artist :Charles Willson Peale
Image in Public Domain