मि. टम्बरिन मैन

मि. टम्बरिन मैन

हे, साधो रे! एक गीत मेरे लिए
न ठौर है न ठिकाना, न ही नींद है
हे, साधो रे! एक गीत मेरे लिए
खनकती भोर जागे, तेरे संग हुए

मालूम है मुझे कल के महल
आज बिखरे राखों में पड़े
धुएँ के फाहे से
अँधे कुएँ में पड़ा मैं, गायब नींद है
पस्त मेरे हौसले, मेरी खामोश चीख से
न मिलना बाकी किसी से
जमीनें इतनी सूखी, न सपने उगे

आ चल हम उड़ें तेरी जादुई नाव में
होश गुम मेरे और दम खतम बाहों में
पाँव भी सोए हैं
अपने आप आते, आवारा से पड़ते
हर मंजिल तक चलेंगे, बुझ गई वो लौ बनेंगे,
अपनी नुमाइश में जलेंगे,
कोई मंतर लगा, जाम दे
वादा है हम पियेंगे…

गूँजेगी हँसी की, कुछ थिरकनें
की आवाजें, सूरज से भी आगे
ये कोई चुहल नहीं है,
ये शोर है बच भागने का
और बढ़ने की हद केवल आसमाँ है
कोरस जुलूसों में एक नारा बेढंगा-सा उठे
तेरी होशियार तालों में, वो बेहूदा बाजू में
उसे छोड़ो, बढ़ो आगे
वो पागल बस ढूँढ़ता है परछाइयाँ

और घोल दे मुझे मेरे मन के इस भँवर में
सालों घनी तहों में, आगे झड़े पत्तों से
रोते पड़े पेड़ों से, हवादार किनारों में
दूर और दूर उदासी की हदों से
जहाँ तारों तले झूमें हम, लहराती फसल से
समंदर की गोदी में चमकीली रेतों से नहाते
सारी यादें सारी किस्मतें कर लहरों के हवाले
कल भर तक बस, आज को भूल जाने दे

हे, साधो रे! एक गीत मेरे लिए
न ठौर है न ठिकाना, न ही नींद है
हे, साथी रे! एक गीत मेरे लिए
खनकती भोर जागे, तेरे संग हुए!


Image: Civil Rights March on Washington
Image Source: Wikimedia Commons
Artist: D.C. (Joan Baez and Bob Dylan)
Image in Public Domain

बॉब डिलन द्वारा भी