दरिया

दरिया

शून्य से आया जरूर हूँ
परंतु
समंदर में जाने का
माद्दा भी मुझ में ही है!

शून्य से बूँद बना
बूँद से फिर
दरिया बना
और देखते-देखते
समंदर में समा गया!

समंदर भी मेरे जैसे
कई दरियाओं से बना है!
जब मैं नहीं, तो
समंदर भी नहीं
इसीलिए कहता हूँ–
पहले दरिया बनो
तभी तो
समंदर भी बन सकोगे!


Image : Seashore near Sudak
Image Source : WikiArt
Artist : Volodymyr Orlovsky
Image in Public Domain