खुशी की आहट

खुशी की आहट

ठीक कहती है माँ
हिंदू-मुसलमान नहीं होते
पर्व-त्योहार
लाते हैं खुशियाँ ही खुशियाँ
पूजा घर नहीं देखता
बढ़ने लगी है आँधी उम्मीद की
जैसे पास आने लगी खुशी की आहट
पर किसना का क्या
गणेश भी नहीं कीन सका मिट्टी का
एक छोटा दिया जलाकर
छिड़क दिया उजाला जिंदगी के अँधेरे में
तबके पढ़ नहीं सका नमाज
ईद में रिजवान
खुले पाँव रेलवे लाइन पर
टूटे पाँव बहन के पास भी जा नहीं सका
पड़ा रहा ईदगाह से
खुशी आमने का वादा
गले मिली बहन तो
आने लगी आँखों में बेतहाशा दौड़-भाग
ठाकुर के पोखर से कमलगट्टा उड़ाने की जिद
कस गई कमीज
बाँह से ऊपर।


Image :Old Woman with a Candle
Image Source : WikiArt
Artist : Matthias Stom
Image in Public Domain
Note : This is a Modified version of the Original Arwork