तुम क्या जानो राजघराने की बातें हैं

तुम क्या जानो राजघराने की बातें हैं

तुम क्या जानो राजघराने की बातें हैं
चाँदनगर में जश्न मनाने की बातें हैं

सब सच्चे किरदार निकलकर चले गए हैं
सब बातें झूठे अफसाने की बातें हैं

वो जो बीच भँवर के डूब गया है यारो!
अब उस पर अफसोस जताने की बातें हैं

आसमान को खेतों ने चिट्ठी लिक्खी है
चिट्ठी में बादल बरसाने की बातें हैं

चुप रहता है पिंजरे का वो पक्षी लेकिन
उसकी चुप में बाहर आने की बातें हैं

वृद्ध आश्रम में कोई अपना आएगा–
लगता है खुद को भरमाने की बातें हैं

जंगल खिड़की घास शजर, बिजली की तारें
‘चिड़िया जी’ के ठौर-ठिकाने की बातें हैं

तुम मोबाइल पर मैसेज भेजा करते हो
मेरे दिल में चिट्ठी आने की बातें हैं

आप हैसियत वालों को कैसे समझाऊँ
मेरी सब औकात बचाने की बातें हैं

चारो भाई घर में रहते थे मिल-जुलकर
अब उनमें दीवार उठाने की बातें हैं।


Image : Old Man, Seated
Image Source : WikiArt
Artist : Eastman Johnson
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