न तुमने दुश्मनी में ही कमी की

न तुमने दुश्मनी में ही कमी की

न तुमने दुश्मनी में ही कमी की
निभाई भी रिवायत दोस्ती की

कुहासों से निकलना चाहता हूँ
उजालों तक पहुँच है क्या किसी की

वो दिन में ढूँढ़ता है चाँदनी को
ये कैसी इन्तिहा है बेखुदी की

शिकारे छोड़ कर आए हैं अपने
तमन्ना है सभी को वापसी की

नया सूरज उगाओ अब तो यारो
तमस को है जरूरत रोशनी की

‘शलभ’ को ये नसीहत मिल रही है
हदें मत पार कर जिंदादिली की।


Image : The Savoyard Boy
Image Source : WikiArt
Artist : Eastman Johnson
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