जुड़े हैं तार उसके भी

जुड़े हैं तार उसके भी

जुड़े हैं तार उसके भी हमारी बेहतरी से
कई जो प्रश्नों उभरे हैं समय की डायरी से

कई मुल्कों में हथियारों की अब भी भूख बाकी
नहीं उबरे हैं कितने मुल्क अब तक भुखमरी से

रहम क्यों कर नहीं देते हो दुनिया पर बता दो
मेरा यह प्रश्न है मुल्ला पुजारी पादरी से

अभी इस मार्च तक भी तो नहीं बदला है मौसम
बदल जाता था मौसम पहले जाती फरवरी से

मैं राजा था बहन का कैसे मैं अपमान सहता
पुराना प्रश्न रावण का है यह मंदोदरी से

तभी से पाँवों में दुनिया की हसरत जग गई है
जो यूँ ही जुड़ गए थे एक दिन यायावरी से

कहीं चुपचाप अपने ध्यान में डूबा हुआ था
सहम कर रह गया है ताल नन्हीं कंकरी से

किसी भी वायरस से खत्म हो सकती नहीं है
अगर दुनिया बनी है यह किसी जादूगरी से।


Image : Arab Encampment, Biskra
Image Source : WikiArt
Artist : Willard Metcalf
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