दिल में जब तक लगन नहीं होती
- 1 April, 2022
शेयर करे close
Share on facebook
Share on twitter
Share on reddit
Share on tumblr
Share on linkedin
शेयर करे close
Share on facebook
Share on twitter
Share on reddit
Share on tumblr
Share on linkedin
शेयर करे close
Share on facebook
Share on twitter
Share on tumblr
Share on linkedin
Share on whatsapp
https://nayidhara.in/kavya-dhara/hindi-gazal-about-dil-mein-jab-tak-lagan-nahin-hotee-ashok-mizaj-nayi-dhara/
- 1 April, 2022
दिल में जब तक लगन नहीं होती
दिल में जब तक लगन नहीं होती
जिंदगानी चमन नहीं होती
यूँ ही गालिब गजल नहीं होता
यूँ ही मीरा भजन नहीं होती
कस रही है गुरूर की टाई
वरना इतनी घुटन नहीं होती
जाने किस किस का कर्ज है इस पर
जिंदगी मूलधन नहीं होती।
लोग खेतों में हल चलाते हैं,
तुमसे गर्मी सहन नहीं होती।
जब तलक घर की चाय मिलती नहीं,
दूर अपनी थकन नहीं होती।
Image : Der Landmann
Image Source : WikiArt
Artist : Eugène Burnand
Image in Public Domain