महल में बैठकर वह आमजन की बात करता है

महल में बैठकर वह आमजन की बात करता है

महल में बैठकर वह आमजन की बात करता है
कोई आवारा मीरा के भजन की बात करता है

तेरे मुँह से सितम के खात्मे की बात यूँ लगती
स्वयं रावण ही ज्यों लंका दहन की बात करता है

नहीं महफूज हैं अब बेटियाँ अपने घरों में भी
जनकपुर में कोई सीताहरण की बात करता है

मुखौटे में छिपे हर रहनुमा चेहरे का ये सच है
वो छूकर बर्फ तेजाबी जलन की बात करता है

हमारे दौर में अच्छे-बुरे का फर्क है मुश्किल
यहाँ हर बदचलन अब आचरण की बात करता है

जो बाबा बैठता है सोने-चाँदी के सिंहासन पर
वो इस संसार को माया-हिरन की बात करता है


Image : The lumberjack_s daughter
Image Source : WikiArt
Artist : Léon Bazile Perrault
Image in Public Domain

वशिष्ठ अनूप द्वारा भी