कोई उम्मीद जगा दो कि मैं जिंदा हूँ अभी
- 1 April, 2022
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- 1 April, 2022
कोई उम्मीद जगा दो कि मैं जिंदा हूँ अभी
कोई उम्मीद जगा दो कि मैं जिंदा हूँ अभी…
मुझको अहसास दिला दो कि मैं जिंदा हूँ अभी
बाद मरने के जताओगे बहुत अपनापन…
तुम अभी क्यूँ न जता दो कि मैं जिंदा हूँ अभी
कैद कर के मुझे कमरे में बुढ़ापे में तुम
मुझको मुर्दा न बना दो कि मैं जिंदा हूँ अभी
ख्वाब देखे थे जो मैंने वो अधूरे ही रहे
तुम नये ख्वाब सजा दो कि मैं जिंदा हूँ अभी
बेच डाला है जमीर अपना हवस में लेकिन…
बेहयाई से बता दो ‘कि मैं जिंदा हूँ अभी’
क्या थी जल्दी कि मेरी मौत की फैला दी खबर
इतनी बेताबी भुला दो कि मैं जिंदा हूँ अभी
झूठ को सच न बता पाऊँगा कुछ भी कर लो
चाहे सोने का किला दो कि मैं जिंदा हूँ अभी
साजिशें उसकी सफल होंगी नही जीवन भर
मेरे दुश्मन को बता दो कि मैं जिंदा हूँ अभी
जहर अपमान का मैंने है पिया जीवन भर
मेरी हिम्मत को दुआ दो कि मैं जिंदा हूँ अभी…
झूठे सपनों से बहलने में भला क्या हासिल
मुझको नींदों से जगा दो कि मैं जिंदा हूँ अभी
अपने दुश्मन से कहा खून से तर फौजी ने
घुस के सीमा में दिखा दो कि मैं जिंदा हूँ अभी।
Image : In Top Capu
Image Source : WikiArt
Artist : Anders Zorn
Image in Public Domain