आएगी किसके काम, कविता है

आएगी किसके काम, कविता है

आएगी किसके काम, कविता है
दूर से कर सलाम कविता है

पहले कविता बनाम जीवन थी
आज कविता बनाम कविता है

जिंदगी में जो जी चुके हैं उसे
फिर से जीने का नाम कविता है

सिसकियों पर महीन नक्काशी
आँसुओं पर लगाम कविता है

कुछ बहुत व्यक्तिगत सी बातों का
खास कुछ इंतजाम कविता है

दिल का बोला दिमाग का लिक्खा
रौशनी का कलाम कविता है

जितने भी शब्द हैं जमाने में
सबका अंतिम मकाम कविता है।


Image : Lake Issyk Kul in the evening
Image Source : WikiArt
Artist : Vasily Vereshchagin
Image in Public Domain

देवेंद्र आर्य द्वारा भी