धूप से इमदाद मत लो सायबानो

धूप से इमदाद मत लो सायबानो

धूप से इमदाद मत लो सायबानो
फर्ज था सो कह दिया मानो न मानो

पेशगी लो कर्ज से छुटकारा पाओ
आ गया बाजार दरवाजे किसानो

क्या करोगे जानकर कीमत जबाँ की
खुद हिफाजत से तो हो ना बेजबानो!

और कितनी मेड़ें खाएँगे ये खेत
और कितने खेत खाओगे मकानो?

तीन जुमले हैं मगर तीनों हैं एक
मैं क्या जानू, वो क्या जाने, तुम क्या जानो।


Image : Portrait of the painter Ivan Shishkin
Image Source : WikiArt
Artist : Ivan Kramskoy
Image in Public Domain

देवेंद्र आर्य द्वारा भी