मंदिर मस्जिद और शिवाला तेरे दर

मंदिर मस्जिद और शिवाला तेरे दर

मंदिर, मस्जिद और शिवाला तेरे दर
गोशा-गोशा नर्म उजाला तेरे दर

जब-जब चाँद के पैरों में जंजीर पड़ी
दौड़ के आया चाँद का हाला तेरे दर

चेहरा-चेहरा फैला है अनवारे-खुदा
कोई न गोरा कोई न काला तेरे दर

नानक, बुल्लेशाह, रहीम के संग खड़े
तुलसी, मीरा, सूर, निराला तेरे दर

हर कोई अनजान डगर से है लेकिन
आ जाता है अल्लाह वाला तेरे दर

लाख जतन कर ले कोई, पर बंद कभी
होता नही किस्मत का ताला तेरे दर

बाहर तरसें इक-इक बूँद को हम ‘साहिल’
अंदर छलके प्रेम पियाला तेरे दर।


Image : Prayer in Cairo
Image Source : WikiArt
Artist : Jean Leon Gerome
Image in Public Domain

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