खता संगीन करने में लगे हैं

खता संगीन करने में लगे हैं

खता संगीन करने में लगे हैं
वो दो को तीन करने में लगे हैं

समर्थन चाहिए मुर्दों का जिनको
कफन रंगीन करने में लगे हैं

जिन्हें दरिया को है सागर बताना
वो, जल नमकीन करने में लगे हैं

मुझे वो साहिबे-ईमान कहकर
मेरी तौहीन करने में लगे हैं

मजम्मत आप हर रिश्ते की करके
किसे बलहीन करने में लगे हैं

दिरम-डॉलर करोड़ों में किसी के
हमें बे-दीन करने में लगे हैं!


Image : Portrait of a Man
Image Source : WikiArt
Artist : Vasily Perov
Image in Public Domain

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