धुंध, न कोहरा, न ही जालों का नाम है

धुंध, न कोहरा, न ही जालों का नाम है

धुँध, न कोहरा, न ही जालों का नाम है
जिंदगी ऐ दोस्त! उजालों का नाम है

गम के बादलों घिरी अँधेरी रात में
सुबह के हसीन ख्यालों का नाम है

गर सुलझ गई तो है हर प्रश्न का उत्तर
वरना ये अंतहीन सवालों का नाम है

उनकी सगी नहीं जिन्होंने हार मान ली
जिंदगी तो जूझने वालों का नाम है

हिम्मत का औ हिकमत का, खुद पे यकीन का
बेइन्तहा जुनून, जलालों का नाम है

यह कोई ठहरी हुई नदी नहीं ‘चमन’
आँधियों, तूफान, भूचालों का नाम है।


Image : The Wood-boat
Image Source : WikiArt
Artist : George Caleb Bingham
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