झील पर यूँ चमक रही है

झील पर यूँ चमक रही है

झील पर यूँ चमक रही है धूप
जैसे पानी की हो गई है धूप

क्यूँ है घर में अँधेरों के साये
जबकि छत पर टहल रही है धूप

जाने किसकी तलाश है इसको
क्यूँ झरोखों से झाँकती है धूप

शाम काबू में कर इस आफत को
सबको पागल बना रही है धूप

शामे-गम की उदास राहों से
मुझसे पहले गुजर चुकी है धूप


Image: The Watersplash
Image Source: Wikimedia Commons
Artist: Henry Herbert La Thangue
Image in Public Domain

आराधना प्रसाद द्वारा भी