रुख से जब परदे हटाये जिंदगी
- 1 April, 2022
शेयर करे close
Share on facebook
Share on twitter
Share on reddit
Share on tumblr
Share on linkedin
शेयर करे close
Share on facebook
Share on twitter
Share on reddit
Share on tumblr
Share on linkedin
शेयर करे close
Share on facebook
Share on twitter
Share on tumblr
Share on linkedin
Share on whatsapp
https://nayidhara.in/kavya-dhara/hindi-gazal-about-rukh-se-jab-parade-hataaye-jindagee-by-aradhana-prasad-nayi-dhara-2/
- 1 April, 2022
रुख से जब परदे हटाये जिंदगी
रुख से जब परदे हटाये जिंदगी
खुद को भी खुद से मिलाये जिंदगी
जानती है हार जाएगी मगर
मौत से आँखें लड़ाये जिंदगी
कैसे पीले हाथ हों बेटी के अब
बेबसी के दिन दिखाये जिंदगी
जैसे इक मजदूर की बेटी हूँ मैं
हर कदम पर यूँ सताये जिंदगी
आएगा इक दिन बुलावा आएगा
कब से है पलकें बिछाये जिंदगी
दीजिए मुस्कान इक मजलूम को
ताकि खुलकर मुस्कुराये जिंदगी।
Image : Young Woman, Concarneau
Image Source : WikiArt
Artist : Edward E
Image in Public Domain