आदमी का जब सफर तनहा
- 1 April, 2022
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https://nayidhara.in/kavya-dhara/hindi-gazal-about-aadamee-ka-jab-saphar-tanaha-by-rahul-shivay-nayi-dhara/
- 1 April, 2022
आदमी का जब सफर तनहा
आदमी का जब सफर तन्हा हुआ है
रास्ता उसके लिए लंबा हुआ है
खेलता है वो मेरे जज्बात से अब
दिल मेरा उसके लिए ‘कोठा’ हुआ है
यह जरूरी तो नहीं मैला ही होगा
कीच के जो गर्भ से पैदा हुआ है
अब कहाँ सरकार आएगी दुबारा
क्रोध जन का फूटकर लावा हुआ है
वो वसूलेंगे फिरौती मौत से भी
याद में औरों की जो जिंदा हुआ है।
Image : Noon
Image Source : WikiArt
Artist : George Henry
Image in Public Domain