पुकारूँगा तुम्हें ही

पुकारूँगा तुम्हें ही

जब शस्त्र मेरा साथ छोड़ देंगे
निर्बलता देख
छोड़ देंगे शब्द भावनाओं का
विचारोत्खलन के बाद
दिशाएँ जब छोड़ देंगी इशारा करना
मेरा दृढ़ मनोरथ भाँप
छोड़ देंगे कुत्ते और चमचे वफ़ादारी
छोड़ देगी गौरैया मेरे आँगन में फुदकना
मैं तुम्हें पुकारूँगा
अपनी पूरी कातरता के साथ

फिलहाल अभी मैं तुम्हें ललकारता हूँ
अपनी समस्त सामर्थ्य और मेधा
सौंदर्यबोध और सुरुचि के साथ
साथ अपनी लालसाओं और कामनाओं के
तुम्हें हराकर बना लूँगा मैं अपना
मैं जानता हूँ जब कभी मैं हारूँगा
पुकारूँगा तुम्हें ही!!


Image : Obłok
Image Source : WikiArt
Artist : Ferdynand Ruszczyc
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