कमाऊ बेटा
- 1 April, 2015
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- 1 April, 2015
कमाऊ बेटा
कमाऊ बेटे की योजना है
पलस्तर झड़ी ढहती दीवारों
और दीमक लगे फाटक वाले
पुश्तैनी मकान को गिराना है
नया बंगला बनाना है
पिता के सिद्धांतों सरीखी ऊँची सीलिंग
नीची करनी होगी
बुलंद इरादों से दरवाजे भी
छोटे हो जाएँगे
बड़े-बड़े रोशनदान
गौरैया के अंडों का आशियाना
बंद कर दिए जाएँगे
ताकि वातानुकूलन यंत्र प्रभावी हो सके
माँ की नर्म थपकी से
हवा के झोंके
खिड़की पे दस्तक देने की गुस्ताखी नहीं करेंगे
अब क्या मजाल
सूरज भारी परदों की दीवार लाँघ सके
बूढ़ चौकीदारों
बरगद, नीम, कटहल, बेल को
वॉलेंटियरी रिटायरमेंट दिलानी होगी
विदेशी नस्ल के गबरू पौधों से
बागान भरना होगा
ऊँची चारदीवारी में उगे पेड़
पुराने जामुन, शहतूत की तरह
अब राहगीरों में
मुफ्त छाया नहीं बाँटेंगे
पुराना फर्नीचर, पुरखों की तस्वीरें
दद्दा की कुर्सी, हुक्का
दादी का पीतल का पानदान
काँसे-ताँबे के बदरंग पतीले
सब कबाड़ में बिक जाएगा
अब लोहे की कड़ाही से
आयरन पाने की क्या दरकार
कैलशियम सैंडोज जो मौजूद है
कमाऊ बेटा माँ-बाप को नहीं भूला
बंगले का पिछला हिस्सा रख छोड़ा है
पिछली पुश्त के लिए
बच्चों का शोर,
मेहमानों की आवाजाही
उन्हें बाधित न करे
कमरे की तंग दीवारों में
माँ-बाबा करीब होंगे एक-दूसरे के
क्या करें यही एक टुकड़ा था
बच रहा नक्शे में
वास्तु की दृष्टि से
न ड्राइंग, न डाइनिंग
न बेडरूम, न स्टडी
पर भई कमरा कमाल है
खिड़की भले छोटी हो
पर दरवाजा खुलता है
किचन गार्डन में
बाबा कहीं ऊब न जाएँ
सो बागवानी कर जी बहला लें
यूँ भी सब्जियाँ बहुत महँगी हैं
माँ गाँव में कभी गाय रखती थी
सो क्या बुरा है
पिछवाड़े के कोने में फिर बंधा जाएगी
माँ के पुराने दिन लौट आएँगे
बीस साल दोनों की उम्र बढ़ जाएगी
पलस्तर झड़ी दीवार मुस्कुराई, बोली
क्या योजना है
बाप को माली, माँ को ग्वालन बनाएगी।
Image : Portrait of Jules Richemont
mage Source : WikiArt
Artist : Gustave-Caillebotte
Image in Public Domain