जैसी करनी, वैसी भरनी

जैसी करनी, वैसी भरनी

जैसी करनी, वैसी भरनी
भोग रहे लाला

आडंबर के घटाटोप ने
सूरज को झाँपा
भीतर-भीतर सेंध लगाकर
धरती को नापा
भाग्य हमारे फिसल गए जो
योग रहे लाला

जीवन भर
दिन एक सरीखे
कहो कहाँ होते
फसल काटते वैसी जैसी
खेतों में बोते
फसल नहीं उत्तम उपजी
तुम रोग रहे लाला

कभी न सोचा
यह अनर्थ क्यों धरती में रोपें
वाल्मीकि के
ढूँहों में क्यों सीकी को घोपें
आँख किसी की फूटी
तुम संयोग रहे लाला।


Image: they tens mainstay-iv 1907
Image Source : WikiArt
Artist : Hilma af Klint
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