अस्तित्व

अस्तित्व

मैं इनकार की भाषा थी
भीतर थी
तो तालों में जंग पड़ चुकी
और गुम चुकी चाभी थी
जब बाहर थी तब
हाशिये पर सरका दी गई
चप्पल सरीखी
मेरा होना कौन तय करता
मेरी जुबान है
इस पर मुहर कौन लगाता
सारे मसले
कहाँ से उठते
सारे फैसले कहाँ तक जाते
मेरे परों को काटा गया
मेरे जिस्म को नोचा गया
मेरी आँखों को
तयशुदा दृश्य दिखाए गए
मेरे पास जमीन का एक टुकड़ा था
जिसकी रजिस्ट्री
किसी और के नाम की थी।
मेरा जन्म
किसी और की इच्छा का परिणाम था
मेरी मृत्यु
किसी अचानक समय में
अनदेखे पलों में
रचे गए ग्रह नक्षत्रों की साजिश थी।


Image name: Lock MET
Image Source: Wikimedia commons
Artist: John Wilkes
This image is in public domain