एक आदमी का क़द

एक आदमी का क़द

एक बौने आदमी का क़द
उसकी परछाई से अचानक बड़ा हो गया
शहर में हंगामा हो गया
उसकी छाया को छूने की होड़ मची है।

बौने क़द वाला आदमी
अपनी परछाई से खेलता है
फिर लोगों की क़द-काठी के साथ
और बनाता है, अपने जैसा

लोग बन गए ठीक वैसा, जैसा वह चाहा
पर उनकी परछाई बड़ी नहीं बनी,
रही बौनी ही
हंगामा फिर बरपा
वह मुस्कुराया फिर हँसा ठठाके
देखता लंबी परछाई, खोया अँधेरे में

सपने दिखाता आएगा फिर से
पाँच साल बाद
फिर दिखेगा मुस्कुराता…

चूल्हे-चौकी की चिंता में लोग
अपनी उम्र झोकेंगे अदहन में
एक ही चूल्हा जलेगा एक ही आँच जलेगी
बौना आदमी जब आएगा फिर से!


Image name: Shadows
Image Source: WikiArt
Artist: Nicholas Roerich
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