नीला आकाश सारा का सारा

नीला आकाश सारा का सारा

किराये का मकान, घर नहीं होता
भाड़े की प्रेयसी, भार्या नहीं होती
गमले में रोपा गया तुलसी का पौधा
आँगन का तुलसीचौरा नहीं होता
जहाँ आँचल के साये में
हवा के झोंके से बचाकर
रखती है माँ संझौंती का दिया
हर रोज हर शाम

ड्राइंग-रूम में सजाकर रखा गया
बोनसाय बरगद का पेड़ नहीं होता
पूज्य वटवृक्ष की एक बड़ी डाल की तरह
जो गड़वाती है माँ हर साल आँगन के बीचोंबीच
वट-सावित्री पूजा के निमित्त
पुत्र-वधुओं के अक्षय सुहाग के लिए

आजकल शहर के एपार्टमेंट
कबूतरों के दरबे जैसा होता है
जहाँ नहीं दीखता
तैरता हुआ बादल का टुकड़ा
नहीं दीखता सुबह का भुरूकवा तारा
नहीं दीखता नीला आकाश
सारा का सारा


Image: Treppenflur bei Nachtbeleuchtung
Image Source: WikiArt
Artist : Adolph Menzel
Image in Public Domain