जब कभी याद तेरी आती है

जब कभी याद तेरी आती है

जब  कभी  याद  तेरी  आती  है
गुदगुदाती  कभी  रुलाती  है

क्या करिश्मा है ये मुहब्बत भी
कैद  होकर  भी  मुस्कुराती  है

जो  मुहब्बत  में  फूल  खिलते  हैं
उनकी खुशबू फ़िजा में छाती है

धूप  होती  है  जब  गुलाती  कुछ
तब  ग़ज़ल,  गीत  गुनगुनाती  है

कैद में रह के भी न जाने क्यूँ
दिल की परवाज फड़फड़ाती है

एक  जुगनू  की  रोशनी  भी  तो
दिल को उजला-सा करके जाती है

न्याय  कैसा  है  जिंदगी  तेरा
किस  कदर  तू  मुझे  नचाती है।


Image: Girl in a Kerchief
Image Source: WikiArt
Artist : Alexey Venetsianov
Image in Public Domain