मोझ का सृजन पथ

मोझ का सृजन पथ

रूप, सौंदर्य, प्रेम
रूह मन, देह
वे कौन से तत्व हैं
जहाँ बँधता है वह
उसकी उद्दाम लालसाएँ
भटकाती है उसे
न जाने कहाँ-कहाँ
अनन्त के इस छोर से
उस छोर तक के
न जाने कितने बिंब
उतारना चाहता है वह
आँखों में अपनी
उसकी असीम इच्छाएँ
जीने नहीं देती उसे
सुकून के दो पल
वह गढ़ता नित नई परिभाषाएँ
जीवन की
पर प्रेम की अदम्य लालसाएँ
आसक्ति, मोह से
जब नहीं हो पाता
मुक्त वह तो
तब तलाशता वह अपना मोक्ष
सृजन के पथ पर
टाँकता है अनगिनत रचनाएँ
वक़्त के टकसाल पर।


Image name: Self-Portrait with Hand under Cheek
Image Source: WikiArt
Artist: Edvard Munch
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