कभी महसूस होता है

कभी महसूस होता है

कभी महसूस होता है ख़ुशी में
अभी कुछ मुश्किलें हैं ज़िंदगी में

सुई में माँ ही धागा डालती है
किसी मद्धम से मद्धम रोशनी में

हमारे ख्वाब की दुल्हन की सजी है
हमारे ज़ेहन की आवारगी में

कोई बरसात का मौसम नहीं है
तेरी आँखें हैं डूबी किस नमी में

कभी तो थाह लेके तुम भी देखो
कई डूबे हुए तट हैं नदी में।