हक़
- 1 December, 2014
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- 1 December, 2014
हक़
पक्षियों को
अपने फैसले खुद लेने दो
उड़ने दो उन्हें हिन्द से पाक
और पाक से
हिन्द के पेड़ों की ओर
अगर सरहद जरूरी है
पड़ी रहने दो उसे
जहाँ पड़ी है वह
पर हाथों को हक दो
कि मिलते रहें हाथों से
पैरों को हक दो कि जब भी चाहें
जाकर मिल आएँ
उधर के रास्तों से
चलती रहे वार्ता
होते रहें हस्ताक्षर
ये सब सही
ये सब ठीक
पर हक को भी हक दो
कि ज़िंदा रहे वह!
Image: Concert of Birds
Image Source : WikiArt
Artist : Frans Snyders
Image In Public Domain