छींक
डॉ. रामकुमार वर्मा एकांकी और कविताओं के लिए प्रसिद्ध हैं। उनके एकांकी कई मानी में अपना विशेष महत्त्व रखते हैं। प्रस्तुत रचना शुद्ध हास्य और सरल व्यंग्य का अच्छा उदाहरण है।
डॉ. रामकुमार वर्मा एकांकी और कविताओं के लिए प्रसिद्ध हैं। उनके एकांकी कई मानी में अपना विशेष महत्त्व रखते हैं। प्रस्तुत रचना शुद्ध हास्य और सरल व्यंग्य का अच्छा उदाहरण है।
नाम में क्या धरा है? जो लोग कलकत्ता में ‘खोट्टा’ बन गए, वही बंबई में जाकर ‘भैया’ कहलाए! ‘मेहतर’ का अर्थ है बड़ा, किंतु समाज ने इन्हें कैसा छोटा बना डाला है! हाँ, नाम में क्या धरा है?
बिहार में हमारी पीढ़ी के लोग भारतीय गणतंत्र के प्रथम राष्ट्रपति देशरत्न डॉ. राजेंद्र प्रसाद जी के सुयश की कहानियाँ सुनते-सुनते पले और बढ़कर जवान हुए हैं। प्रांत के जीवन पर ज्यों-ज्यों वे छाते गए, त्यों-त्यों उनकी छाया हम सभी लोगों की जिंदगी पर पड़ती गई और हम सभी लोग मन की निर्मलता के समय छोटे-छोटे राजेंद्र प्रसाद बनने की कामना से उद्वेलित रहे हैं।
“तेलुगु में ‘तेने’ शब्द प्रयुक्त होता है शहद के अर्थ में। यह भाषा अपनी मिठास के लिए सारेदक्षिणापथ में प्रसिद्ध है। पाश्चात्य भाषाविदों ने इसे ‘दि इटालियन ऑफ दि ईस्ट’ कह कर इसकी निसर्गजनित माधुरी तथा संगीत की उपयोगिता की दाद दी है।”
इस गीत को मैं अपनी 1949 की कृतियों में सबसे प्यारी मानता हूँ। यह ‘मिलन यामिनी’ में संग्रहीत है यह सर्वप्रथम ‘आजकल’ दिल्ली के मई 1949 के अंक में प्रकाशित हुई थी।
प्रिय चतुर्वेदी जी, पहले तो आप मुझ पर विशेष कृपा किया करते थे। क्या कारण है जो अब आप मेरी खबर तक नहीं लेते–जीता हूँ या मर गया!