कमाऊ बेटा
बाबा कहीं ऊब न जाएँ सो बागवानी कर जी बहला लें यूँ भी सब्जियाँ बहुत महँगी हैं माँ गाँव में कभी गाय रखती थी
बाबा कहीं ऊब न जाएँ सो बागवानी कर जी बहला लें यूँ भी सब्जियाँ बहुत महँगी हैं माँ गाँव में कभी गाय रखती थी
कौन नहीं जानता विश्व के कोने-कोने में आबाद आतंकवाद विश्व व्यापार केंद्र और पेंटागन पर हमले के पूर्व जब जिसको जैसे चाहा जी भर कर नोंचा है
दोस्ती के नाम पर कुछ भी कर गुजरेंगे ये हमारी कायरता नहीं महानता का है प्रमाण कि अपने जवानों की जघन्य हत्याओं के बावजूद हम शांति का चालीसा पढ़ रहे हैं
अनजान बने हो किसके उकसावे में तने हो, घर की बात बाहर उछालने तीसरे के आगे पूँछ हिलाने में शान समझते हो
रंजना ने बत्ती जलायी तो पति का पीछे से गंजा हो रहा सिर परावर्तित प्रकाश में पहले से कुछ ज्यादा ही गंजा नजर आया। ‘पहले से...’ उसके मुँह में आया चुहलभरा
भरी निगाहों से उसकी झोपड़ी की ओर ताकता ताकि उसकी दुल्हन की एक झलक पा जाऊँ लेकिन महीनों उसके दर्शन नहीं हुए।