रोटी देता खेत है
रोटी देता खेत हैबिना खेत के महल-अटारी धूप चमकती रेत है। झूठी शानो-शौकत लेकर साहब बड़े तबाह हैं कोरोना के एक डोज मेंरंक हो गए शाह
रोटी देता खेत हैबिना खेत के महल-अटारी धूप चमकती रेत है। झूठी शानो-शौकत लेकर साहब बड़े तबाह हैं कोरोना के एक डोज मेंरंक हो गए शाह
समीर जैन उन लोगों में से था जो पक्की नौकरियों में ऊबते हैं और कच्ची नौकरियों से आकृष्ट होते हैं। भारत सरकार के भाषा विभाग
जब समाज किसी सर्जक का सम्मान करता है तब वह सम्मान उसके व्यक्तित्व का कम और उसकी सर्जना का अधिक होता है।
मुझे मालूम है मेरी है सियततुम्हारे बराबर नहीं है किसी भी मामले मेंऔर न ही तर्क-वितर्क गुणा-गणित लाभ-हानि के आधार पर आदमियों
खूब नहाते थे उसमें जब पानी का बहाव कम होता था चरती थी नदी के ढावा के ऊपर हमारी बकरियाँ गायें, भैंसें और हम सभी ग्वाल नदी
खोया है सभी ने कुछ न कुछ तो। तसल्ली है या नियति? भूलना होगा मुझे भी पीछा करती पुकारें, कौन पत्थर बनना चाहता है?