‘कथालोचना के विकास में विजयमोहन सिंह का महत्तर योगदान रहा’–केदारनाथ सिंह
इस अवसर पर ‘नई धारा’ की संचालिका शीला सिन्हा द्वारा कवि केदारनाथ सिंह को नौंवें उदय राज सिंह स्मृति सम्मान से विभूषित करते हुए उन्हें एक लाख रुपये सहित सम्मान पत्र, प्रतीक चिह्न एवं अंगवस्त्र प्रदान किए। ‘नई धारा’ के प्रधान संपादक डॉ. प्रमथ राज सिंह ने उपन्यासकार पद्मश्री डॉ. उषाकिरण खान, व्यंग्यकार डॉ. प्रेम जनमेजय तथा कथाकार शंभु पी. सिंह को ‘नई धारा रचना सम्मान’ से नवाजते हुए उन्हें 25-25 हजार रुपये सहित सम्मान पत्र, प्रतीक चिह्न एवं अंगवस्त्र आदि अर्पित किए। आरंभ में स्वागत भाषण करते हुए ‘नई धारा’ के प्रधान संपादक डॉ. प्रमथ राज सिंह ने कहा कि ‘नई धारा’ केवल साहित्यिक पत्रिका भर नहीं, बल्कि हमारे लिए एक रचनात्मक अभियान है, जहाँ साहित्यकारों के सम्मान से हम समय, समाज और साहित्य को एक सकारात्मक दिशा देना चाहते हैं। यही ‘नई धारा’ की विरासत और परंपरा है।