हिंदी कहानी-साहित्य की नवीन धाराएँ
हिंदी का कहानी-साहित्य कई मंजिल पार कर आज की अवस्था को प्राप्त हुआ है। अनेकानेक प्रभावों और परिस्थितियों ने जैसा असर डाला उसका विश्लेषण और उसकी रूपरेखा हिंदी के कुशल लेखक के इस निबंध में देखिए
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फाइल भी क्लर्क की निष्ठुरता से उदास हो कर बोली–यदि तुम ही मेरा साथ छोड़ दोगे, तो दुनिया में मेरा अस्तित्व ही नहीं रह जाएगा।
पथरीली दीवारों में मेरा दिल कैदी-सा बंद है! पछवा के झोकों में बजता कोई नूपुर का छंद है!