नई धारा संवाद : साहित्यालोचक नंदकिशोर आचार्य से बातचीत
प्रसिद्ध साहित्यालोचक नंदकिशोर आचार्य जी! नंदकिशोर आचार्य जी की प्रतिभा जो है बहुमुखी और आज उनकी जो पहचान है
प्रसिद्ध साहित्यालोचक नंदकिशोर आचार्य जी! नंदकिशोर आचार्य जी की प्रतिभा जो है बहुमुखी और आज उनकी जो पहचान है
पानी बह चुके गंगा के कितने बहने को बाकी हैं कितने दृश्य अनगिनत उपस्थित करते हुए फिर उन्हें गायब करते हुए सूरज कितनी ही बार उग चुका
उबुद बाली का सबसे आकर्षक पर्यटन स्थल है। जो पारंपरिक आभूषण, पत्थर की मूर्तियों, ग्लास वर्क, बाटिक और बाँस एवं लकड़ी के खिलौने के लिए विख्यात हैं।
जल जंगल जमीन को बचाने की बात नहीं कर सकता आदिवासी दलित पिछड़ों के अधिकारों की बात नहीं कर सकता महिला के सम्मान की बात नहीं कर सकता ऐसे पद पर रहने से नफ़रत है मुझे
यह वही गाड़ी है जिस गाड़ी में हत्या करके लाए थे रात के ग्यारह बजे बूढ़ी माँ के नौजवान बेटे कोकहीं से नहीं दिखाता ख़ुद को हत्यारा सभी झूठों को इक्कठा करके ख़ुद को कर लिया
आधे-अधूरे कपड़ों में बड़ी बेहयाई से रैंप वॉक करता है झूठ सच के सलीके से पहने कपड़े खींचते हैं लोग इधर-उधर से!