‘लोग अंततः किताबों की ओर लौटेंगे’

पुस्तकें कभी समाप्त नहीं होंगी। एक तात्कालिकता है, जो चिरंतन नहीं हैं। लोग लौटेंगे, पुस्तकों की ओर लौटेंगे।

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हिंदी कविता में वसंत

कविता में वसंत विविध रूपों में आता है। समकालीन कविता में कवियों ने युगीन यथार्थ को वसंत के माध्यम से व्यक्त किया है।

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होली

साजन, होली आई है! सुख से हँसना, जी भर गाना मस्ती से मन को बहलाना मस्ती से मन को बहलाना पर्व हो गया आज– साजन, होली आई है हँसाने हमको आई है!

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बचाए रखना है तुम्हें

बचाए रखना है तुम्हें, बचाए रखना है उनसे, बचाए रखना है अपने सिर के भूत को, प्रेत को जिन को, डाकिनों को और सबसे ज्यादा कविता को

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