हर ओर पसरने लगा है बाढ़ का पानी
हर ओर पसरने लगा है बाढ़ का पानी अब हद से गुजरने लगा है बाढ़ का पानीपानी है मगर प्यास बुझा भी नहीं सकते प्यासे को अखरने लगा है बाढ़ का पानी
हर ओर पसरने लगा है बाढ़ का पानी अब हद से गुजरने लगा है बाढ़ का पानीपानी है मगर प्यास बुझा भी नहीं सकते प्यासे को अखरने लगा है बाढ़ का पानी
सीजफायर की सभी तख्ती लिए हैं ये अमन के दूत या घुसपैठिये हैंभेड़ की तादाद कमतर हो रही है झुंड में शायद छुपे कुछ भेड़िये हैं
मुहब्बत सबके बस का फन नहीं है इबादत है, ये पागलपन नहीं हैबहुत मुमकिन है वो घर टूट जाए जहाँ रिश्तों में अपनापन नहीं हैजहाँ नीलाम होती हों बहारें वो मेरे ख्वाब का गुलशन नहीं है
दिल कहाँ धड़कन कहाँ मत पूछिए घूरता है वक्त नीयत पूछिएबेशकीमत आदमी होगा जरूर क्या है उसकी आज कीमत पूछिएनाम पर गुरबत के साजिश लूट की
बाखबर हम हैं मगर अखबार नहीं हैं बाकलम खुद हैं मगर मुख्तार नहीं हैंक्या कहा हमने भला इक शेर कह डाला अगर कट गए वो और हम तलवार नहीं हैंआप ही तो साथ थे अब आपको हम क्या कहें
वो ख्यालों में उतर जाता है अब्र आँखों में ठहर जाता हैरब के ही दर पे बशर जाता है दर्द जब हद से गुजर जाता हैरात के बाद ही दिन आएगा वक्त थोड़ी न ठहर जाता है