क्षितिज-लालिमा मुसकरा कह रही है
क्षितिज-लालिमा मुसकरा कह रही है
क्षितिज-लालिमा मुसकरा कह रही है
छायावाद-युग ने महादेवी को जन्म दिया और महादेवी ने छायावाद को जीवन।
वाणी का व्यापार वक्तव्य विषय के लिए प्रवर्तित करने के पूर्व पुस्तक-प्रणेता ‘मंगल’ (की कामना) करते हैं।
इस रूपक का वातावरण सर्वथा ऐंद्रजालिक होते हुए भी इसकी समस्या आज की यथार्थ समस्या है। वह समस्या आज मानवीय संस्कृति की प्रगति के सामने एक प्रश्नचिह्न बन कर खड़ी हो गई है।