प्रायश्चित्त

कृष्ण कुमार बाबू कचहरी से आए, तो ऐसे थके हुए थे, जैसे उनमें जान ही नहीं थी। न दिल का पता चलता था और न दिमाग ठीक से काम करता था। घर में आते ही कमरे में घुस गए। शेरवानी उतार कर बड़ी बेदिली से एक ओर डाल दी, और पलंग पर लेट गए।

और जानेप्रायश्चित्त

दो नीली चमकीली आँखें

भादो की काली अंधेरी रात–बादल झूम-झूम कर बरस रहे हैं। सर्वत्र गंभीर नीरवता छाई है। सभी फ्लैटों की खिड़कियाँ बंद हैं

और जानेदो नीली चमकीली आँखें

कवि पंत की काव्य-साधना

आधुनिक हिंदी कविता के इतिहास में कोमल प्राण कवि सुमित्रानंदन पंत की देन किसी भी दूसरे बड़े कवि से कम महत्त्वपूर्ण नहीं।

और जानेकवि पंत की काव्य-साधना

श्री राधाकृष्ण : एक इंटरव्यू

दो बजे दिन में पहुँच ही गया उनके भट्टाचार्य लेन स्थित निवास स्थान पर। आवाज दी। एक तेरह-चौदह साल का लड़का भीतर से निकला।

और जानेश्री राधाकृष्ण : एक इंटरव्यू

चतुर्विध तपस्या और चतुर्विध मुक्ति

सर्वांगीण शिक्षा का अनुशीलन करने के लिए–उस शिक्षा का जो हमें अतिमानसिक उपलब्धि की ओर ले जाती है–चार प्रकार की तपस्याओं और चार प्रकार की मुक्तियों की आवश्यकता है।

और जानेचतुर्विध तपस्या और चतुर्विध मुक्ति