हमें यह कहना है!

गया में बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन का इक्कीसवाँ अधिवेशन सानंद समाप्त हुआ। प्रांत के, प्रांत के बाहर के भी, साहित्यिक जुटे–भाषण हुए, कविता हुई, अभिनय हुआ।

और जानेहमें यह कहना है!