होनहार लेखकों से
हिंदी ने कोई रवींद्र जैसा कवि अथवा शरत चंद्र जैसा उपन्यासकार पैदा नहीं किया
हिंदी ने कोई रवींद्र जैसा कवि अथवा शरत चंद्र जैसा उपन्यासकार पैदा नहीं किया
हमारे नवयुवक क्रांतिकारियों की कहानी संसार के किसी भी महान् देशभक्त से कम उज्ज्वल नहीं है।