हमें यह कहना है!

पिछले दिनों, हिंदी-संसार ने दो जयंतियाँ मनाई–पं. माखनलाल जी चतुर्वेदी ‘भारतीय आत्मा’ की हीरक जयंती और युगकवि श्री सुमित्रानंदनपंत की स्वर्ण जयंती। चतुर्वेदी जी और पंत जी हिंदी-कविता के दो दौरों के ही नहीं, उसकी दो प्रवृतियों के भी प्रतीक हैं!

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निशानियाँ

यह मिर्जापुर का जिला जेल! जेल, जानवरों की श्रेणी में गिने जाने वाले, कसूर वाले कैदियों का दौलतखाना! भीतर रहने वालों की बात तो नहीं मालूम पर वे ही कैदी जब बाहर होते हैं तो मुस्कुराकर कानी ऊँगली इसके फाटक की ओर दिखा कर कहते हैं–ससुराल!

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आर्थर केस्लर (कलाकार या प्रचारक)

दुनिया भौगोलिक दृष्टि से छोटी हो गई है : उसका ओर-छोर कुछ घंटों में आदमी नाप सकता है। नहीं चाहने पर भी उसके हिस्से प्राण-तंतुओं से अनुस्यूत हो गए हैं : लंदन और न्यूयार्क में राजनीति करवट बदलती है तो दिल्ली में लोग आँखें मलने लगते हैं;

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