फीजी यात्रा @ विश्व हिंदी सम्मेलन
भगवान श्रीकृष्ण ने गीता में अर्जुन को प्रबोधते हुए कहा था कि ‘योग: कर्मसु कौशलम् अर्थात कर्म की कुशलता का नाम ही योग है। कर्म ही धर्म है। मैंने अपने चार दिनों के प्रवास में देखा कि वहाँ के प्रत्येक नागरिक ने कर्म की कुशलता को अपने जीवन में अपना लिया है।