जीवन के संत्रास को व्यक्त करती लघुकथाएँ

रचनाकार कुशल, संवेदनप्रज्ञ एवं दृष्टिसंपन्न हो तो वह हाइकू में भी प्राण डाल सकता है, फिर लघुकथा की तो बात ही क्या है! लघुकथा समग्र जीवन का एकांत चित्रण-सौंदर्य है।

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संघर्ष की तस्वीर उकेरती कहानियाँ

इस संग्रह की कहानियों में एक नये संवेदनशील समाज को गढ़ने के बहुत से सूत्र समाहित हैं। यह संग्रह पठनीय होने के साथ-साथ ही संग्रहनीय भी बन पड़ा है।

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धनबाद से आगे कब निकलेगी

अपनी निद्रा मेघदूत को बेच दी थी। वे जितने बड़े महान कवि थे, उससे और अधिक महत्तर कवि हो सकते थे। बॉडेलेयर, रिल्के, पास्तरनाक ने नहीं होने दिया। वे हमारे वही ‘फॉलेन एंजेल’ हैं जिन्होंने अपनी उच्चता को कुछ ह्रास कर हमारे हाथों में यूरोप थमा दिया है।

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रुआँसे चेहरे वाले लोग

वे चाहते हैं हमारी चुप्पी, हमारे कत्ल पर... उन्हें पसंद नहीं मरते हुए लोगों के शोर वे मुस्कान देखना चाहते हैं हमारे चेहरे पर, जब चले छुरी गले पर और हमारी साँस-नली कट जाए, एक फट की

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वापसी

कविता सीधे रास्ते नहीं चलती…. कविता राजमार्गों को छोड़, राहमापी करती है गलियों, पगडंडियों धूलभरी बस्तियों की। कविता पसीने की गंध में मिलाती है गर्म रोटी की महक।

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कविता

कविता पसीने की गंध में मिलाती है गर्म रोटी की महक। कविता चूल्हे पर उठती भाप से मापती है भूख का तापमान। कविता घृणा की परतों को उधेड़ प्रेम पर अपनी मुहर लगाती है

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