केंकड़े के प्रति

आते वसंत की उस पहाड़ी पर  नन्हीं घास की जड़ों में समा जाता ओ री नीरवता, वह क्या है  उसके अंदर गहरी साँसें लेने वाली मैं साफ सुनता हूँ अपनी देह में  दिल की धड़कनों की आवाज

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इशिकावा ताकुबोकू की कविताएँ

इशिकावा ने ‘टान्का’ के इस पुराने साँचे में काव्य-बिंबों के छोटे-छोटे नए आधुनिक नगीने प्रस्तुत किए हैं, जिसके कुछ बेमिसाल नमूनों की एक झलक भर यहाँ देखी जा सकती है।

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प्रोफेसरी की बतकही

बाइक पर चलते समय अथवा कार चालन के समय हमारे प्रोफेसर साहब सचेत रहते हैं कि राह में बातचीत के योग्य कोई सुपात्र न छूट जाए।

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हिंदी की प्रगति और विश्व हिंदी सम्मेलन

हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए 1975 से अब तक आयोजित इस ‘विश्व हिंदी सम्मेलन’ ने भी अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

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डायरी के तीन पन्ने

अमेरिका में कोई तीन करोड़ लोग योग करते हैं, फिर भी हमने कभी इंटलैक्चुवल प्रॉपर्टी राइट (आई.पी.आर.) का दावा नहीं किया।

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अस्मिता

स्त्रियों को नौकरी नहीं करनी चाहिए। राजनीति करने की जरूरत नहीं। दूसरा, वो हथियारों का जखीरा रखेंगे, उन्हें नष्ट नहीं करेंगे लेकिन दूसरे राष्ट्रों को हथियार नहीं बनाना होगा।

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