दो भूत Post author:sanjay.panday Post published:August 1, 1950 Post category:कथा धारा/भारत-भारती Post comments:0 Comments भीषण अकाल का वर्ष था वह! गाँव के सारे लोग मंदिर में इकट्ठा हो गए। बाल-वृद्ध, स्त्री-पुरुष, गरीब-अमीर, सभी हाथ जोड़कर भगवान की प्रार्थना करने लगे– और जानेदो भूत