दो भूत

भीषण अकाल का वर्ष था वह! गाँव के सारे लोग मंदिर में इकट्ठा हो गए। बाल-वृद्ध, स्त्री-पुरुष, गरीब-अमीर, सभी हाथ जोड़कर भगवान की प्रार्थना करने लगे–

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