संत तुकाराम : जीवन और उपदेश
महाराष्ट्र ही क्यों, भारत का प्रत्येक व्यक्ति संत तुकाराम के नाम से परिचित है। उसके अभंग आज भी स्थानों-स्थानों में विद्वानों द्वारा गाये जाते हैं।
महाराष्ट्र ही क्यों, भारत का प्रत्येक व्यक्ति संत तुकाराम के नाम से परिचित है। उसके अभंग आज भी स्थानों-स्थानों में विद्वानों द्वारा गाये जाते हैं।
बरसात क्या आ गई गाँव में नया जीवन आ गया है। कोई टाट के थैले की तिकोन ‘घोमची’ ओढ़ कर और कोई अपने शरीर पर के कुरते और बंडी को भी उतार कर, बरसते पानी मैं अपने-अपने काम में संलग्न हो उठे हैं।
मंदाकिनी नौकर दाई के दु:ख से बेदम हो उठी थी। नौकर तो उसके कभी था ही नहीं। बेचारी विधवा थी, गाँव से अपने खेत की उपज मँगा लेती थी।
पहले शीर्षक से आप चौंकेंगे–सो उसे समझा दूँ। भगवे से तात्पर्य है हिंदूधर्म की ध्वजा जैसे शिवाजी का भगवा झंडा, ‘हिंदू पद-पादशाही’ की पताका।
अखिल भारतीय हिंदी साहित्य सम्मेलन का विशेष अधिवेशन पटना में सानंद समाप्त हुआ। जहाँ तक अतिथियों के आगमन और स्वागत-सत्कार की बात रही, कोई त्रुटि नहीं होने पाई। और, यह सही है कि जिस उद्देश्य से सम्मेलन बुलाया गया था, वह सिद्ध नहीं हुआ, किंतु,
चरखे गा दे, जी के गान!*एक डोरा सा उठवा जी परदोनों कहते बल दे, बल दे,