शर्म नहीं आती
श्यामा का प्रतिदिन बस से आना-जाना है। वह विद्यालय में शिक्षिका के पद पर कार्यरत है। वह कुँवारी है।
श्यामा का प्रतिदिन बस से आना-जाना है। वह विद्यालय में शिक्षिका के पद पर कार्यरत है। वह कुँवारी है।
पंचायत बैठी। सभी पंचों को बुलाया गया। सुरेश नरेश दोनों भाइयों ने अपने माता-पिता को रखने से इनकार कर दिया था।
रीतिकाल के कवियों ने एक निश्चित या विशिष्ट प्रणाली को दृष्टिगत रखते हुए काव्य रचना की, क्योंकि रीतिकाल में ‘रीति’ शब्द एक विशेष प्रकार की ‘पद रचना’ या परिपाटी का सूचक है।
नायिका के विरह को तो हिंदी साहित्य में अनेकानेक विद्वानों ने शब्दबद्ध करने की चेष्टा की है और जिसे अनमोल निधि के रूप में संग्रहीत भी किया जाता रहा है,
पानी खतरे का लाल निशान पार कर चुका है ज्यादा दूर नहीं है वह समय जब साँस लेने की जुर्रत में पानी नाक के भीतर समा जाएगा और ज़िदगी की साँस उखड़ जाएगी।
माना, असंख्य वर्णों नादों गंधों स्पर्शों का समन्वित स्वर व्याप्त है तुम में संपूर्ण सौंदर्य और ऐश्वर्य से परिपूर्ण ऋतुराज हो तुम