राजेन्द्र स्मृति सम्मान

पांडेय जी के व्यक्तित्व और कृतित्व का बहुकोणीय विवेचन तो किया ही है, उनके लेखन की बानगी का भी एक खंड ग्रंथ में है, जिसमें उनका अप्रकाशित उपन्यास ‘फरिश्ते’ भी है।

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मच्छरदानी

मच्छरों से डरकर, हारकर कैद हो रहा है इनसान और अपने कैदखाने का नाम दे रहा है–मच्छरदानी। इतने में बिजली आ गई और डॉ. साहिबा चाय

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अनुरंजन प्रसाद सिंह का रचनाकर्म

अनुरंजन प्रसाद सिंह साहित्य की दुनिया में जिस महत्त्व के अधिकारी हैं, वह महत्त्व उन्हें हम बिहारवासियों ने कभी नहीं दिया।

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अपने समय की पटकथा रचती कविताएँ

मुझे यह कहते हुए संकोच नहीं कि अखबारनवीसी शैली और वायवीय अभिव्यक्ति से अब तक बची युवा कवि शहंशाह आलम की लोक-प्रसूत कविताएँ किसी समालोचना की मोहताज़ नहीं,

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पत्रकारिता के धवल पुरुष जितेंद्र सिंह

पत्रकारिता के धवल ही नहीं एक उन्नत शिखर भी थे पत्रकार जितेंद्र सिंह। गौरवर्ण, उन्नत ललाट और अतिशय विनम्र। बी.एच.यू. से हिस्ट्री में गोल्ड मेडलिस्ट। पहले इलाहाबाद में पं. नेहरू जी के अखबार ‘लीडर’ में पत्रकारिता की

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